गांव में घर के बाहर नेमप्लेट पर महिलाओं का नाम और मोबाइल नंबर भी लगा हुआ है...
लातूर।
महाराष्ट्र के लातूर जिले के निलांगा तालुक में आनंदवाड़ी गांव ने महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसााल पेश की है। यह ऐसा गांव हैं जहां घर को महिलाएं सिर्फ चलाती ही नहीं बल्कि स्मामित्व भी उन्हीं के नाम है।
गांव की आबादी महज 635 है। दंगल जैसी फिल्मों से प्रेरणा लेकर भले ही उत्तर भारत के कई घरों में वर्तमान में दरवाजों के बाहर बेटियों का नाम टंग गया हो, लेकिन सूखा प्रभावित लातूर के इस गांव में बहुत पहले से ही घरों का नाम महिलाओं के नाम पर ट्रांसफर होना शुरू हो गया था।
घर की लक्ष्मी को सम्मान
आनंदवाड़ी ग्राम सभा के सदस्य न्यानोबा चामे ने कहा कि जैसा कि हम हर दीपावली पर माता लक्ष्मी को अपने घर लाते हैं, उसी तरह हमने अपने घर की लक्ष्मी को भी सम्मान देने का निर्णय लिया।
15 वर्षों में एक भी केस दर्ज नहीं
165 घरों वाले आनंदवाड़ी में सभी घरों के बाहर महिलाओं का नाम लगा है। कुछ लोगों ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए खेतों को भी महिलाओं के नाम कर दिया है। इसके पहले भी यह गांव कई सराहनीय पहल कर चुका है। 15 वर्षों में यहां एक भी पुलिस केस नहीं दर्ज हुआ है। इसके साथ हर वयस्क ने मेडिकल रिसर्च के लिए अपने अंगों को दान करने की प्रतिज्ञा भी की है।
तंबाकू व शराब भी है प्रतिबंधित
आनंदवाड़ी गांव की सरपंच भाग्यश्री चामे ने बताया कि गांव के 410 लोगों ने अपने अंग दान करने का निर्णय लिया है। यहां पर स्मोकिंग, तंबाकू और शराब सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस गांव के लोगों का मुख्य पेशा खेती है।
पिछले वर्ष से शादी की नई परंपरा शुरु की है। तय दिन सामूहिक विवाह का आयोजन होता है, जिसका खर्चा सभी ग्रामीण मिलकर उठाते हैं। गांव में घर के बाहर नेमप्लेट पर महिलाओं का नाम और मोबाइल नंबर भी लगा हुआ है।
source - rajsthan patrika
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