भोपाल (27 अक्टूबर):कहते हैं प्यार रंग और रूप देखकर नहीं होता। ऐसी ही एक खबर गोवा से आई है, जहां पर एक बार में काम करने वाले एक मामूली खेत मजदूर के बेटे से रूस की अफसर को प्यार हो गया। रशियन पार्लियामेंट हाउस के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट में अफसर अनस्तस्था ने एमपी के रहने वाले नरेंद्र से शादी भी कर ली है और अब वह उसे अपने साथ रूस ले जाना चाहती है।
Source:-News24
ऐसे हुआ रूसी लड़की से प्यार...
- नरेंद्र की मुलाकात अनस्तस्था से करीब 3 साल पहले गोवा में हुई थी। जहां वह एक बियर बार काउंटर पर बारमैन काम करता था।
- शुरुआती बातचीत टूटी-फूटी अंग्रेजी में हुई। 25 साल की रूसी लड़की भी अंग्रेजी नहीं जानती थी, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे की भाषा आंखों से समझी, फिर दिल की।
- करीब ढाई साल तक वह नरेंद्र से मिलने के लिए भारत आती रही। इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए उनकी बातचीत होती रही।
- इसके बाद अनस्तस्था ने उसे मॉस्को बुला लिया। जहां उन दोनों ने अगस्त में विधिवत शादी कर ली।
- यही नहीं, बुधवार को उन्होंने सागर में अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अर्जी भी दी है।
- नरेंद्र मूलत: मजदूर परिवार से है। उसके पिता काशीराम लोधी के पास न के बराबर जमीन है।
- पूरे परिवार की गुजर-बसर खेतों में मजदूरी करके होती है। परिवार में मां के अलावा एक और भाई, एक बहन है।
- नरेंद्र के मुताबिक, वह कुछ दिन पहले अपनी पत्नी अनस्तस्था को गांव ले गया था।
- माता-पिता से मिलवाने के बाद अब वह उसके साथ रूस में ही रहने की तैयारी में है। इसके लिए उसने वीजा के लिए अप्लाई कर दिया है।
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ऐसे हुआ रूसी लड़की से प्यार...
- नरेंद्र की मुलाकात अनस्तस्था से करीब 3 साल पहले गोवा में हुई थी। जहां वह एक बियर बार काउंटर पर बारमैन काम करता था।
- शुरुआती बातचीत टूटी-फूटी अंग्रेजी में हुई। 25 साल की रूसी लड़की भी अंग्रेजी नहीं जानती थी, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे की भाषा आंखों से समझी, फिर दिल की।
- करीब ढाई साल तक वह नरेंद्र से मिलने के लिए भारत आती रही। इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए उनकी बातचीत होती रही।
- इसके बाद अनस्तस्था ने उसे मॉस्को बुला लिया। जहां उन दोनों ने अगस्त में विधिवत शादी कर ली।
- यही नहीं, बुधवार को उन्होंने सागर में अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अर्जी भी दी है।
- नरेंद्र मूलत: मजदूर परिवार से है। उसके पिता काशीराम लोधी के पास न के बराबर जमीन है।
- पूरे परिवार की गुजर-बसर खेतों में मजदूरी करके होती है। परिवार में मां के अलावा एक और भाई, एक बहन है।
- नरेंद्र के मुताबिक, वह कुछ दिन पहले अपनी पत्नी अनस्तस्था को गांव ले गया था।
- माता-पिता से मिलवाने के बाद अब वह उसके साथ रूस में ही रहने की तैयारी में है। इसके लिए उसने वीजा के लिए अप्लाई कर दिया है।
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